जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं--
मोहनराकेशऔरधर्मवीरभारती जैसे लेखको के रचनाकर्म को नईअर्थवत्ता प्रदान करने वाले ,हिन्दी रंगमंच में प्राण फूंकने वाले इब्राहिम अलकाजी को जन्मदिन की शुभकामनाएं|उनका रंगकर्म लगातार हमें सीखने की प्रेरणा देता है|
अलकाजी का जन्म18 अक्तूबर 1925 पुणे में हुआ था. उनके पिता सऊदी अरब के कारोबारी थे. उनकी मां कुवैत की थीं
नसीरुद्दीन शाह ने अपनी आत्मकथा में लिखा है, "अलकाजी के रुप में मुझे प्रेरित करने वाला टीचर मिला. वो मुझे पसंद करते थे और मेरा हौसला बढ़ाते थे. वो कठिन मेहनत कराते थे ताकि मेरी क्षमताओं का विकास हो सके."
अलकाजी का एनएसडी में पहला नाटक मोहन राकेश का 'आषाढ़ का एक दिन' था. इस नाटक में मुख्य भूमिका ओम शिवपुरी और सुधा शिवपुरी ने निभाई थी.
इसके बाद उन्होंने धरमवीर भारती के नाटक 'अंधायुग' का फिरोजशाह कोटला में मंचन किया. तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी नाटक देखने गए थे. उन्होंने पुराना किला में गिरीश कर्नाड के नाटक तुगलक़ का मंचन किया.
1977 में उन्होंने एनएसडी के निदेशक का पद छोड़ दिया. उसके बाद वो रंगमंच से भी एक तरह से दूर हो गए. 1990 के दशक में उन्होंने थोड़े समय के लिए रंगमंच पर वापसी की और एनएसडी में तीन नाटकों का निर्देशन किया.
करन थापर को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, "मैं चाहूंगा कि लोग मुझे मेरे समूचे रंगकर्म के लिए याद करें, न कि केवल एनएसडी के मेरे कार्यकाल के लिए."
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